- भारत क्रिप्टोकरंसी बैन की एक नई योजना पर काम कर रहा है। इस बारे में संसद के मानसून सत्र के दौरान चर्चा की गई थी, जो मंगलवार 14 सितंबर को शुरू हुआ।
- बैन देश के 17 लाख क्रिप्टोकरंसी ट्रेडर्स, कई ब्लॉकचेन कंपनियों और क्रिप्टोकरंसी ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करेने वाले एक्सचेंजो को प्रभावित करेगा।
भारत ने क्रिप्टोकरंसी में व्यापार पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक नया कानून लाने की योजना बनाई है, जो इसे अन्य एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के साथ कदम से कदम मिलाकर रखता है। सूत्रों के अनुसार, इस बारे में संसद के मानसून सत्र के दौरान चर्चा की गई थी, जो मंगलवार 14 सितंबर को शुरू हुआ।
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17 लाख क्रिप्टोकरंसी ट्रेडर्स पर पड़ेगा असर
पिछले महीने, भारतीय मीडिया आउटलेट, मनीकंट्रोल ने बताया था कि भारत सरकार आने वाले संसद सत्र में क्रिप्टोकरंसी ट्रेडिंग पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक कानून का प्रस्ताव करने की तैयारी कर रही है। ब्लूमबर्ग क्विंट के अधिकारियों के अनुसार संसद में बिल पेश करने से पहले ड्राफ्ट बिल पर केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा चर्चा किए जाने की उम्मीद है।
मार्च 2020 में, भारत के सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में क्रिप्टोकरेंसी पर दो साल के प्रतिबंध पर रोक लगा दी थी। तब से भारतीय क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंजों ने ट्रेडिंग वॉल्यूम में तेज वृद्धि देखी है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्रिप्टोकरंसी ट्रेडिंग के पक्ष में होने के बावजूद, क्रिप्टोकरंसी में हमेशा अनिश्चितता रही है। संसद में नए क्रिप्टोकरंसी ट्रेडिंग प्रतिबंध बिल पर चर्चा होनी बाकी है, अगर बिल पास होता है तो इसके नकारात्मक नतीजे आएंगे। यह देश के लगभग 17 लाख क्रिप्टोकरंसी ट्रेडर्स, कई ब्लॉकचेन कंपनियों और क्रिप्टोकरंसी ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करेने वाले एक्सचेंजो को प्रभावित करेगा।
प्रतिबंध लगाने के बजाय क्रिप्टोकरंसी ट्रेडिंग को रेगुलेट करना चाहिए
नई दिल्ली के एक वकील ने कहा कि सरकार को क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध लगाने के बजाय क्रिप्टोकरंसी ट्रेडिंग को रेगुलेट करना चाहिए। उन्होंने बताया कि भारत को रिटेल उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क पेश करना चाहिए। इस तरह से RBI और सरकार क्रिप्टोकरंसी बिज़नेसेस की निगरानी सही से कर सकती है। ये नियम नए निवेशकों और व्यवसायों को आकर्षित कर सकते हैं।
यह भी खुलासा किया गया था कि संघीय सरकार ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को अपनाने को बढ़ावा देगी। सरकार के थिंक टैंक NITIAayog के ड्राफ्ट में, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को गवर्नमेंट सेक्टर और प्राइवेट सेक्टर के संचालन के कई पहलुओं का नेतृत्व करने के लिए एक मरजिंग ट्रांसफॉर्मेटिव फोर्स माना जाता है। यह भी बताया गया था कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की क्षमता को विश्व स्तर पर मान्यता दी गई है। ड्राफ्ट चर्चा पत्र के पार्ट 1 को ब्लॉकचन: द इंडिया स्ट्रेटेजी इन जनवरी 2020’ नाम दिया गया है।